Exhibits

Title

Bhavna Battishi - Shlok no.27

तन से जिसका ऐक्य नहीं, हो सुत-तिय-मित्रों से कैसे।

चर्म दूर होने पर तन से, रोम समूह रहें कैसे॥ २७॥

जिसका शरीर के साथ भी एकत्व नहीं है, उस आत्मा का एकत्व पुत्र, पत्नी, मित्र आदि के साथ कैसे हो सकता है? जैसे शरीर से चमड़ी पृथक हो जाने पर, शरीर में रोम-समूह कैसे रह सकता है? २७

Series

Bhavna Battishi

Category

Paintings

Medium

Acrylic on Canvas

Size

36" x 24"

Orientation

Landscape

Completion Year

31-Dec-2021

Shlok

27