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Title

Bhavna Battishi - Shlok no.4

जिस सुन्दरतम पथ पर चलकर, जीते मोह मान मन्मथ।

वह सुंदर-पथ ही प्रभु मेरा, बना रहे अनुशीलन पथ॥४॥

हे प्रभो! आपने आत्म-स्थिरता के जिस सुन्दर तम मार्ग पर चलकर मोह, मान, विषय वासना आदि विकारों को जीता है / नष्ट किया है; वही सुन्दर मार्ग मेरा भी अनुशीलन मार्ग बने; मैं भी उसी मार्ग पर चलकर स्वरूप-स्थिर रहूँ। ४

Series

Bhavna Battishi

Category

Paintings

Medium

Acrylic on Canvas

Size

36" x 24"

Orientation

Landscape

Completion Year

31-Dec-2021

Shlok

4