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यदि चैतन्यसामर्थ्य का विश्वास करे तो उसके आश्रय से रत्नत्रयधर्म की अनेक शाखाएँ-उपशाखाएँ प्रगट होकर मोक्षफल सहित विशाल वृक्ष उगे। भविष्य में होनेवाले मोक्षवृक्ष की शक्ति वर्तमान में ही तेरे चैतन्यबीज में विद्यमान है। सूक्ष्म दृष्टि से उसे विचार में लेकर अनुभव करने से तेरा अपूर्व कल्याण होगा ॥८०॥
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Bol