Title
जैसे किसी सेठ ने अपनी दुकान पर किसी को नौकर रखा और वह नौकर ही दुकान का सारा व्यापार-खरीदना-बेचना इत्यादि सारा कामकाज करता है, तथापि वह सेठ नहीं है; क्योंकि वह उस व्यापार का और उस व्यापार के हानि-लाभ का स्वामी नहीं है, वह तो मात्र नौकर है, सेठ के द्वारा कराये गये सब कामकाज को करता है और जो सेठ है, वह व्यापार सम्बन्धी कोई कामकाज नहीं करता, घर ही बैठा रहता है, तथापि उस व्यापार तथा उसके हानि-लाभ का स्वामी होने से वही व्यापारी (सेठ) है।
यह दृष्टान्त सम्यग्दृष्टि और मिथ्यादृष्टि पर घटित कर लेना चाहिए। जैसे नौकर व्यापार करनेवाला नहीं है, इसीप्रकार सम्यग्दृष्टि विषयों का सेवन करनेवाला नहीं है और सेठ व्यापार करनेवाला है उसीप्रकार मिथ्यादृष्टि विषय सेवन करनेवाला है।
(गाथा 197 भावार्थ)
Series
Category
Medium
Size
Orientation
Artist
Completion Year
Gatha