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Title

Samaysaar - Gatha No. 89

जैसे स्फटिक की स्वच्छता का स्वरूप -परिणमन में (अपने उज्ज्वलतारूप स्वरूप में परिणमन करने में) सामर्थ्य होने पर भी कदाचित स्फटिक के काले, हरे और पीले; तमाल, केले और सोने के पात्र रूपी आधार का संयोग होने से स्फटिक की स्वच्छता का काला, हरा और पीला – ऐसे तीन प्रकार का परिणाम-विकार दिखाई देता है।

उसीप्रकार (आत्मा के) अनादि से मिथ्यादर्शन, अज्ञान और अविरति जिसका स्वभाव है – ऐसे अन्य वस्तुभूत मोह का संयोग होने से आत्मा के उपयोग का मिथ्यादर्शन, अज्ञान और अविरति – ऐसे तीन प्रकार का परिणाम -विकार समझना चाहिए।

(गाथा 89 टीका)

Series

Samaysaar Drashtant Vaibhav

Category

Paintings

Medium

Oil on Canvas

Size

48" x 36"

Orientation

Portrait

Completion Year

01-Jul-2018

Gatha

89