Title
बकरियों की टोली में रहने वाला पराक्रमी सिंह का बच्चा अपने को बकरी का बच्चा मान ले, परन्तु सिंह को देखने पर और उसकी गर्जना सुनने पर “ मैं तो इस जैसा सिंह हूँ ” ऐसा समझ जाता है और सिंहरूप से पराक्रम प्रगट करता है, उसीप्रकार पर और विभाव के बीच रहनेवाले इस जीव ने अपने को पर एवं विभावरूप मान लिया है, परन्तु जीव का मूल स्वरूप बतलाने वाली गुरु की वाणी सुनने पर वह जाग उठता है – “ मैं तो ज्ञायक हूँ ” ऐसा समझ जाता है और ज्ञायकरूप परिणमित हो जाता है।
Series
Category
Medium
Size
Orientation
Artist
Completion Year
Bol