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नमूना देखने से पूरे माल का पता चल जाता है। दूज के चन्द्र की कला द्वारा पूरे चन्द्र का ख्याल आ जाता है। गुड़की एक डली में पूरी गुड़ की पारी का पता लग जाता है। वहाँ (दृष्टान्त में) तो भिन्न-भिन्न द्रव्य हैं और यह तो एक ही द्रव्य है। इसलिए सम्यक्तव में चौदह ब्रह्माण्ड के भाव आ गये। इसी मार्ग से केवलज्ञान होगा। जिसप्रकार अंश प्रगट हुआ उसीप्रकार पूर्णता प्रगट होगी । इसलिए शुद्धनय की अनुभूति अर्थात शुद्धात्मा की अनुभूति वह सम्पूर्ण जिनशासन की अनुभूति है।
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Bol