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Title

Bahenshree's Vachanamrut Bol no. 30

जब बीज बोते हैं तब प्रगट रूप से कुछ नहीं दिखता, तथापि विश्वास है कि “इस बीज में से वृक्ष उगेगा, उसमें से डालें–पत्ते–फलादि आयेंगे”, पश्चात उसका विचार नहीं आता; उसीप्रकार मूल शक्तिरूप द्रव्य को यथार्थ विश्वासपूर्वक ग्रहण करने से निर्मल पर्याय प्रगट होती है; द्रव्य में प्रगट रूप से कुछ दिखाई नहीं देता इसलिये विश्वास बिना “क्या प्रगट होगा” ऐसा लगता है, परन्तु द्रव्य स्वभाव का विश्वास करने से निर्मलता प्रगट होने लगती है |

Series

Bahenshree Vachanamrut

Category

Paintings

Medium

Oil on Canvas

Size

36" x 48"

Orientation

Landscape

Artist

Anil Naik

Completion Year

11-Dec-2017

Bol

30