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Title

Bahenshree's Vachanamrut Bol no. 18

दृष्टी द्रव्य पर रखना है। विकल्प आयें परन्तु दृष्टि एक द्रव्य पर है। जिस प्रकार पतंग आकाश में उड़ती है परन्तु डोर हाथ में होती है, उसी प्रकार “चैतन्य हूँ” यह डोर हाथ में रखना। विकल्प आयें, परन्तु चैतन्यतत्व सो मैं हूँ – ऐसा बारम्बार अभ्यास करने से दृढ़ता होती है।

Series

Bahenshree Vachanamrut

Category

Paintings

Medium

Oil on Canvas

Size

48" x 36"

Orientation

Portrait

Artist

Anil Naik

Completion Year

25-Oct-2016

Bol

18