Exhibits

Title

Bahenshree's Vachanamrut Bol no. 212

एक सत-लक्षण आत्मा – उसीका परिचय रखना। “ जैसा जिसको परिचय वैसी उसकी परिणति "। तू लोकाग्र में विचरने वाला लौकिक जनों का संग करेगा तो वह तेरी परिणति पलट जाने का कारण बनेगा। जैसे जंगल में सिंह निर्भय रूप से विचरता है उसी प्रकार तू लोक से निरपेक्षरूप अपने पराक्रम से पुरुषार्थ से, अंतर में विचरना।

Series

Bahenshree Vachanamrut

Category

Paintings

Medium

Oil on Canvas

Size

36" x 48"

Orientation

Landscape

Artist

Anil Naik

Completion Year

06-Oct-2018

Bol

212