Exhibits

Title

Bahenshree's Vachanamrut Bol no. 128

आत्मा तो ज्ञाता है। आत्मा की ज्ञातृत्वधारा को कोई रोक नहीं सकता। भले रोग आये या उपसर्ग आये, आत्मा तो निरोग और निरुपसर्ग है। उपसर्ग आया तो पांडवों ने अंतरमें लीनता की, तीन ने तो केवलज्ञान प्रगट किया। अटके तो अपने से अटकता है, कोई अटकाता नहीं है।

Series

Bahenshree Vachanamrut

Category

Paintings

Medium

Oil on Canvas

Size

36" x 48"

Orientation

Landscape

Artist

Anil Naik

Completion Year

18-Jul-2019

Bol

128